Q1. भारतीय समाज में विद्यमान सामाजिक विकृतियाँ क्या हैं? मूल्योन्मुखता की आवश्यकता क्यों है?
सामाजिक विकृतियाँ:
भारतीय समाज में कई सामाजिक विकृतियाँ हैं, जिनमें प्रमुख निम्नलिखित हैं:
- जातिवाद: जातिगत भेदभाव और जाति-आधारित हिंसा
- लिंग भेदभाव: महिला और पुरुषों के बीच असमानता
- दहेज प्रथा: विवाह में दहेज लेना और देना
- बाल विवाह: कम उम्र में विवाह करना
- बाल मजदूरी: बच्चों को मजदूरी के काम में लगाना
- गरीबी और भिक्षावृत्ति: आर्थिक असमानता और भिक्षावृत्ति की समस्या
- शिक्षा की कमी: शिक्षितीकरण का अभाव
- स्वास्थ्य सेवाओं की उन्नति का अभाव: ग्रामीण और गरीब क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव
मूल्योन्मुखता की आवश्यकता:
- सामाजिक सुधार: समाज में नैतिक और गुणात्मक सुधार
- समानता: लिंग, जाति और आर्थिक स्थिति में समानता लाना
- सशक्तिकरण: महिलाओं और कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण
- नैतिक शिक्षा: नैतिक और सामाजिक मूल्यों की शिक्षा प्रदान करना
- सामाजिक न्याय: समाज में न्याय और समानता की स्थापना
- सामाजिक समरसता: विभिन्न समुदायों और वर्गों के बीच समरसता
Q2. संस्कृति से आप क्या समझते हैं? भारतीय संस्कृति में अंतर्निहित मूल्यों की व्याख्या करें?
संस्कृति:
संस्कृति का तात्पर्य समाज में प्रचलित मान्यताओं, आदतों, परंपराओं, और जीवन शैलियों से है। यह मानव गतिविधियों के समुच्चय को दर्शाती है जैसे भाषा, कला, साहित्य, धर्म, रीति-रिवाज, आदि।
भारतीय संस्कृति में अंतर्निहित मूल्य:
- धर्म और अध्यात्म: धर्म और अध्यात्मिकता का महत्व
- संसारिता और सहिष्णुता: विभिन्न धर्मों और मान्यताओं के प्रति सहिष्णुता
- पारिवारिकता: संयुक्त परिवार प्रणाली और आपसी सहयोग
- समाजसेवा: समाजसेवा और सहयोग का महत्व
- करुणा और दया: सभी जीवों के प्रति दया और करुणा
- सादगी: सादा जीवन, उच्च विचार
- विद्या और ज्ञान: शिक्षा और ज्ञान का महत्व
- अहिंसा: अहिंसा का पालन
Q3. व्यक्तित्व विकार के विभिन्न प्रकार क्या हैं? चरित्र-व्यक्तित्व पैटर्न पर चर्चा करें?
व्यक्तित्व विकार के प्रकार:
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औपरी समूह (Cluster A): विचित्र और अपरंपरागत व्यवहार
- पारानोइड व्यक्ति विकार: अत्यधिक शक और संदेह
- शिज़ॉइड व्यक्ति विकार: समाज से दूर रहना
- शिज़ोटाइपल व्यक्ति विकार: विचित्र और असामान्य विश्वास
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औसत समूह (Cluster B): नाटकीय या भावनात्मक व्यक्तित्व
- एंटी-सोशल व्यक्ति विकार: समाज विरोधी व्यवहार
- बॉर्डरलाइन व्यक्ति विकार: अस्थिर रिश्ते और आत्म-छवि
- हिस्ट्रॉनिक व्यक्ति विकार: ध्यान आकर्षित करने की हमेशा से जरूरत
- नार्सिसिसिस्टिक व्यक्ति विकार: आत्म-प्रेम और अन्य लोगों का शोषण
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चिंतामूलक समूह (Cluster C): चिंताग्रस्त और भयभीत व्यक्तित्व
- अवॉइडेंट व्यक्ति विकार: आलोचना से डरना और सामाजिक परिहार
- डिपेंडेंट व्यक्ति विकार: अत्यधिक आश्रित होना
- ऑब्सेसिव-कम्पल्सिव व्यक्ति विकार: परफेक्शनिज्म और कठोरता
चरित्र-व्यक्तित्व पैटर्न:
व्यक्तित्व और चरित्र की परिभाषा में अंतर होते हुए भी, दोनों एक-दूसरे से गहरे जुड़े होते हैं। व्यक्तित्व किसी व्यक्ति की भावनात्मक और व्यवहारिक पैटर्न है जबकि चरित्र उसके नैतिक और सांस्कृतिक गुणों को दर्शाता है।
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व्यक्तित्व:
- गतिशीलता: समय और परिस्थितियों के अनुसार बदल सकता है।
- समावेशिता: आत्म-सम्मान, समाजिक कौशल, आत्म-नियंत्रण।
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चरित्र:
- नैतिकता: सच बोलना, ईमानदारी, सेवाभाव।
- विवेकशीलता: सही और गलत के निर्णय में सक्षम।
- समुदाय-संवेदनशीलता: समाज के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता।
Q4. समाजीकरण से आप क्या समझते हैं? परिवार, साथियों और प्रारंभिक समाजीकरण में स्कूल के प्रभाव की व्याख्या करें?
समाजीकरण:
समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने समाज की संस्कृति, मान्यताएँ, और मूल्य सीखता है। यह व्यक्ति को सामाजिक रूप से सक्रिय और संगठित बनाने की प्रक्रिया है।
परिवार का प्रभाव:
- पहला शिक्षण संस्थान: व्यक्ति के जीवन की प्रारंभिक मूल्य और आदतें परिवार से ही प्राप्त होती हैं।
- सुरक्षा और प्रेम: परिवार सुरक्षा, प्रेम और भावनात्मक समर्थन प्रदान करता है।
- सांस्कृतिक मूल्यों का स्थानांतरण: परंपराएं, अनुष्ठान और मान्यताएं परिवार से सीखी जाती हैं।
साथियों का प्रभाव:
- सामाजिक कौशल का विकास: साथियों के साथ खेल और बातचीत सामाजिक कौशल विकसित करते हैं।
- विचारों का आदान-प्रदान: विभिन्न विचारों और दृष्टिकोणों का साझा करना।
- प्रभावशीलता: दोस्तों का प्रभाव निर्णय लेने की क्षमता पर होता है।
स्कूल का प्रभाव:
- औपचारिक शिक्षा: बौद्धिक और कौशल संबंधी विकास
- सामाजिक नियमों का पालन: अनुशासन और नियमबद्धता का सिखाना
- समान अवसर: सभी बच्चों को समग्रता का अनुभव कराना
- मूल्योन्मुखता: नैतिक और सामाजिक मूल्यों की शिक्षा
इस प्रकार, समाजीकरण परिवार, साथियों, और स्कूल के विभिन्न प्रभावों के माध्यम से होता है, जो व्यक्ति के बैठक और व्यवहार सहयोगी नियमों को निर्धारित करने में मदद करता है।